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(as of Dec 01, 2022 06:14:37 UTC – Details)
From the Publisher
English Seekhen Aur Safal Banen by Jagdish Narayan Singh
अंग्रेजी को विश्व में संपर्क भाषा के रूप में जाना जाता है। भारत में तो इस भाषा का महत्त्व बहुत अधिक है। ब्रिटिश राज खत्म होने के बाद भी अंग्रेजी भाषा के प्रभाव में बहुत कमी नहीं आई है। भारत के संविधान के तहत भी उच्चतम और उच्च न्यायालयों में अंग्रेजी को एक आधिकारिक भाषा में रखा गया है।
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एक प्रश्न उठता है कि अंग्रेजी की शिक्षा किस उम्र से शुरू की जाए और एक विदेशी भाषा की सीख किस भाषा के द्वारा दी जाए। साथ ही व्याकरण (Grammar) की सहायता से विदेशी भाषा सीखी जाए या सिर्फ बोलचाल के आधार पर। इन प्रश्नों का उत्तर आवश्यक है। पाँचवीं कक्षा के पहले मातृभाषा को छोड़कर दूसरी भाषा का सीखना मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बच्चों के लिए घातक है। जब बच्चों को अपनी मातृभाषा का कुछ ज्ञान हो जाए तथा व्याकरण की थोड़ी समझ हो जाए; तभी विदेशी भाषा को सिखाया जाना चाहिए।
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दुर्भाग्यवश आजकल तथाकथित English Medium Schools में बच्चों की अंग्रेजी में पढ़ाई पहली कक्षा से ही शुरू हो जाती है; और व्याकरण का तो समावेश होता ही नहीं है। यही कारण है कि अंग्रेजी के बहुत से जाने-माने विद्वान् भी शुद्ध अंग्रेजी लिखने या बोलने में अक्षम पाए जाते हैं। यह पुस्तक इसी बिंदु को ध्यान में रखकर तैयार की गई है कि ‘हिंदी’ मातृभाषा वाले लोग English सीख सकें; उसमें दक्ष हो सकें और सफल हो सकें।
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SPOKEN ENGLISH DIGEST
भाषा संवाद का माध्यम है। बोलियाँ क्षेत्र-विशेष तक सीमित रहती हैं, वहीं भाषाएँ बढ़ते संचार माध्यम के सहारे अपनी क्षेत्रीय सीमाएँ तोड़कर प्रांतीय, देशीय और अंतरराष्ट्रीय बन जाती हैं। आज अंग्रेजी भाषा को इसी श्रेणी में रखा जा सकता है। यह न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों को परस्पर जोड़ रहीं है, बल्कि बैंक, अस्पताल, स्कूल, कोर्ट, हवाईअड्डों इत्यादि स्थानों पर संचार और संवाद की प्रमुख भाषा के रूप में प्रयुक्त होती है। इतना ही नहीं अंग्रेजी आज रोजगार की भी प्रमुख भाषा बन गई है।
Spoken English Guru
आज English ग्लोबल संपर्क भाषा बन चुकी है। अदालतों, दफ्तरों, अस्पतालों इत्यादि सब जगह संवाद का माध्यम English ही है। पत्र-व्यवहार, कार्यालयों इत्यादि में अधिकतर काम English भाषा में ही किए जाते हैं। बड़े-बड़े अंतरराष्ट्रीय कार्यालयों में तो संवाद का एकमात्र माध्यम English ही है। इसलिए आज जीवन के हर क्षेत्र में अच्छी English बोलना सफलता की गारंटी माना जाता है। चाहे आप student हों, मैनेजर हों, BPO में काम करते हों या businessman हों—हर जगह आप कितने आत्मविश्वास के साथ English बोल सकते हैं, वही आपकी सफलता के लिए एक महत्त्वपूर्ण कारक है।
Super Speed English Speaking Course (Hindi)
इंग्लिश ऐसी भाषा है, जो दुनिया के हर कोने में कम या ज्यादा संख्या में बोली, लिखी-पढ़ी व समझी जाती है। मौजूदा दौर में प्रोमोशन व अवसरों का लाभ उठाने के लिए इंग्लिश भाषा का ज्ञान बहुत आवश्यक हो गया है। यह भाषा आज मात्र जानकारी तक सीमित नहीं है, बल्कि बोलचाल एवं लेखन में भी इसका खूब उपयोग होता है। इस बात को ध्यान में रखकर सुपर स्पीड इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स खासतौर से आपके लिए तैयार किया गया है।
English Seekhen Aur Safal Banen
भारत के संविधान के तहत भी उच्चतम और उच्च न्यायालयों में अंग्रेजी को एक आधिकारिक भाषा में रखा गया है। एक प्रश्न उठता है कि अंग्रेजी की शिक्षा किस उम्र से शुरू की जाए और एक विदेशी भाषा की सीख किस भाषा के द्वारा दी जाए। साथ ही व्याकरण (Grammar) की सहायता से विदेशी भाषा सीखी जाए या सिर्फ बोलचाल के आधार पर। इन प्रश्नों का उत्तर आवश्यक है।
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जगदीश नारायण सिंह
धनबाद स्थित इंडियन स्कूल ऑफ माइंस में माइनिंग इंजीनियरिंग के कोर्स में दाखिला लेने के लिए ‘अखिल भारतीय प्रतियोगिता परीक्षा’ में शामिल हुए और द्वितीय और प्रथम श्रेणी प्रबंधन योग्यता परीक्षा में पास हुए। इस बीच कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और झारखंड हाई कोर्ट, राँची में ‘वकील’ बने। कलकत्ता यूनिवर्सिटी से ‘सोशल वर्क’ में एक साल का ‘पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा कोर्स’ प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त किया। कोल इंडिया लिमिटेड में सहायक कंपनियों के निदेशक (कार्मिक) के तौर पर सेवानिवृत्त हुए। अनेक राष्ट्रीय व्यावसायिक निकायों के सक्रिय सदस्य हैं।
सौ से अधिक लेख प्रकाशित; जिनमें लगभग तीस हिंदी में हैं। तकनीकी और व्यावसायिक पुस्तकें भी लिखी हैं। चार खंडों की एक पुस्तक-शृंखला ‘कोल माइनिंग एंड मैनेजमेंट’ प्रकाशित। जिसमें ‘प्रबंधन’, ‘कानून’ और ‘सुरक्षा’ पर अध्याय हैं। अंग्रेजी में लिखे चार खंडों को उनकी सहायता और मार्गदर्शन में हिंदी में दो खंडों में संक्षिप्त रूप दिया गया है।
अनेक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थानों में गेस्ट फैकल्टी हैं। सब बातों के अलावा जीवन भर अंग्रेजी भाषा के छात्र और शिक्षक रहे हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हिंदी के माध्यम से अंग्रेजी के प्रचार के लिए समर्पित हैं।
*अन्य लेखकों की चर्चित पुस्तकें भी इसमें सम्मिलित हैं।
ASIN : B07DGFZBSS
Publisher : Prabhat Prakashan (15 February 2020)
Language : English
File size : 3104 KB
Text-to-Speech : Enabled
Screen Reader : Supported
Enhanced typesetting : Enabled
X-Ray : Not Enabled
Word Wise : Not Enabled
Print length : 429 pages